पता नही |

पता है |
हम हिन्दुस्तानी,
पिटते अा रहे हैं ,
दशको से ,
पकिस्तान की नापाक
आतांकी हरकतों से |
पता हे |
भारत का मुकट ,
कश्मीर तो
जल ही रहा हे ,
करीब तीन दशको से |
पता है |
वहाँ के लाखों
मूलनिवासी,
अपने ही देश मैं ,
विस्तापन मै
जीने को विवश हे |
पता है |
देेश ध्रोहियूो के भी
मानव अधिकार होते हैं ,
पता हे |
लेकिन ,
पता नहीं |
देशभकतौं के
मानाव अधिकार
हे ,
कि , नहीं हे ?
पता नहीं |
गहरे घाव,
आतंकवाद के शिकार
देशभर के हजारूँ परिवारो के ,
कभी,
भर पायेंगे ,
कि, नही ?
पता नहीं |
18 सितम्बर 2016
की सुबह , ऊड़ी मै,
देश की रक्षा करते-करते ,
18 शहीदों के
परिवारों के सपने,
अब ,
पूरे हो पाएंगे,
कि , नही ?
पता नही |
वीरगति को प्राप्त,
गया, बिहार वासी सैनिक,
विद्यार्थी की सपुत्री –
आरती* का
‘दिल्ही,आई आई टी”
मै जाना ,
अब ,
सम्भव हो पायेगा,
कि , नही ?
पता नहीं ,
राष्ट्रीय स्वाभिमान,
हिन्दुस्तानी
देशभक्तऔ का ,
कभी जाग उठेगा
कि , नही ?
“पता नहीं |”
________________________________

1) आरती* (18 सितम्बर 2016 ऊडी, कश्मीर में शहीद हुवे सैनिक, विद्यार्थी की तीन मैं से सबसे बड़ी सुपत्री) से प्रेरित |
2) यह कविता मैंने ऊडी, कश्मीर मै शहीद हुये सैनिको को सार्वजनिक श्रद्धांजलि सभा (20 सितम्बर 2016 की शाम को संचार विहार मै आयोजित) मै समर्पित की थी |
3) https://en.wikipedia.org/wiki/2016_Uri_attack
4) https://indianexpress.com/article/india/india-news-india/uri-terror-attack-list-of-jawans-who-died-fighting-terrorists/

————————————- जय हिंद ————————–

Leave a Comment